मैं उसको और वो मुझको समझाए क्या, दिल उदास है मेरा, इंतज़ार है वो बतलाए क्या। हंस के वो यूँ देखे मुझको, बोले सब ठीक हो जाएगा, इंतज़ार बस ये है कि पहले कौन अच्छी चाय बनाएगा। दोस्त हर उलझन को चाय में घोल देता है, ग़म कितना ही क्यों न हो, वो खुशी से तौल देता है। कहूँ कैसे उसे मैं, कि उसकी चाय में जादू है, चलो जादू न हो भी तो, उसके साथ लगता है ज़िंदगी पे काबू है। जब जब ग़म का बादल छाया, उलझन ने दिल को...
दोस्ती की चालें: शतरंज से परे
शतरंज खेल बड़ा अजीब है, हर पल किसी की हार तो किसी की जीत है, दोस्ती में दोस्त राज़दार है, वो साथ है तो फिर क्या हार है, क्या शह है और क्या ही मात है। शतरंज की इस दुनिया में, हर मोहरे की अपनी कहानी है, दोस्ती में हर लम्हा, बिन कहे यार की ज़ुबानी है। शतरंज के खेल में बादशाह को संभालना पड़ता है, दोस्ती में एक दोस्त का दिल बिना शर्त पालना पड़ता है। खेल खत्म होने पर शतरंज तो वापस डिब्बे में सिमट जाता...
बंदिशें नहीं, आज़ादी है दोस्ती
न सोचा था कभी की होगी दोस्ती तुमसे, मिला जब पहली दफा तो हुई नहीं गुफ्तगू तुमसे। न ख्वाबों में ख्याल था, न दिल में कोई बात थी, थी तो खूबसूरत ही मगर खामोश सी मुलाकात थी। सिलसिला जो चल पड़ा, उसकी न कोई मंजिल थी, कभी बातों में उलझ कर भी, दोस्ती अपनी मुकम्मल थी। लोगों को पसंद कॉफी, हम चर्चा चाय पे करते थे, उबलती चाय में कड़क पत्ती, शक्कर कम ही रखते थे। बरसातों के मौसम में, जब हम छत पे बातें करते थे...