Amateur PoetAnish

खुद की खोज में निकला, जिंदगी के मंजर निहारता, जिंदगी की गहराइयों में, अपना अक्स तलाशता। “Embarked on a quest to find myself, observing life’s varied scenes, In the depths of life, searching for my own reflection.” ~ Anish

रौशनी के परदे में गुमनाम

मोबाइल की रौशनी में, किसी का अक्स तलाशता एक चेहरा, भीड़ का हिस्सा बनकर भी, वो शहर में अकेला सा लगता है। नज़र फोन में गई, खोया ख्यालों की धुंध में, सड़कों की इस महफ़िल में भी, ये शख्स शायद किसी कहानी का एक साज़ है, दिल्ली की रातों में अक्सर गूंजती एक आवाज़ है। दिलवालों का शहर है ये, कहते हैं इसका अपना एक रिवाज़ है, मैं अभी जिसे हूँ देख रहा, वो बेचैने-मिजाज़ है। शायद किसी दूर शहर से आया, ऑटो-रिक्शा...

मोहब्बत की तलाश में मोहब्बत

मोहब्बत एक ऐसा लफ्ज़ था, जिसपे ऐतबार न था मेरा, जहां भी जिसको देखता, वो तलाश-ए-मोहब्बत कर रहा। मैं सोचता रहा यही, कि क्यों करूँ मोहब्बत पे यक़ीं, खुशनसीब होंगे वो जिन्हें मोहब्बत मिली, हमारे माज़ी ने सिखाया, ये हमारे बस की नहीं। वो इश्क़ की इंतहा, वो वादों का सिलसिला, वो कशमकश पाने की, बेसब्री का वो फलसफा, न जाने इस दौर का अलग ही है वाकया, अहसास से परे सब कर रहे अमली मशवरा। दिलों का ये कारोबार...

चाय का साथ

मैं उसको और वो मुझको समझाए क्या, दिल उदास है मेरा, इंतज़ार है वो बतलाए क्या। हंस के वो यूँ देखे मुझको, बोले सब ठीक हो जाएगा, इंतज़ार बस ये है कि पहले कौन अच्छी चाय बनाएगा। दोस्त हर उलझन को चाय में घोल देता है, ग़म कितना ही क्यों न हो, वो खुशी से तौल देता है। कहूँ कैसे उसे मैं, कि उसकी चाय में जादू है, चलो जादू न हो भी तो, उसके साथ लगता है ज़िंदगी पे काबू है। जब जब ग़म का बादल छाया, उलझन ने दिल को...

दोस्ती की चालें: शतरंज से परे

शतरंज खेल बड़ा अजीब है, हर पल किसी की हार तो किसी की जीत है, दोस्ती में दोस्त राज़दार है, वो साथ है तो फिर क्या हार है, क्या शह है और क्या ही मात है। शतरंज की इस दुनिया में, हर मोहरे की अपनी कहानी है, दोस्ती में हर लम्हा, बिन कहे यार की ज़ुबानी है। शतरंज के खेल में बादशाह को संभालना पड़ता है, दोस्ती में एक दोस्त का दिल बिना शर्त पालना पड़ता है। खेल खत्म होने पर शतरंज तो वापस डिब्बे में सिमट जाता...

Anish

खुद की खोज में निकला, जिंदगी के मंजर निहारता, जिंदगी की गहराइयों में, अपना अक्स तलाशता।

“Embarked on a quest to find myself, observing life’s varied scenes, In the depths of life, searching for my own reflection.” ~ Anish

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