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तमन्नाओं का आसमान

ये ख्वाब ख्वाब तमन्ना, और इन आँखों के ये दबे सवाल, अंजाना सा ये रास्ता, ये आरज़ू और ये खयाल। ख्यालों से मंजिलों के बीच, लकीर कोई तू तबियत से खींच, लकीरों में जीत और हार के बीच, हौसला है तो इज़ाम को खून से सींच। नाकाबिल मुस्तकबिल है तेरा, कहते हैं कहने वाले, जहाँ लोग उम्मीद छोड़ते, कमाल करते हैं करने वाले। खुद में खुद को बचाए रख कर, अपने उसूलों को जगाए रख कर, पलकों की खिड़की पर अरमान सजाने वाले...

Anish

खुद की खोज में निकला, जिंदगी के मंजर निहारता, जिंदगी की गहराइयों में, अपना अक्स तलाशता।

“Embarked on a quest to find myself, observing life’s varied scenes, In the depths of life, searching for my own reflection.” ~ Anish

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